मित्रों,
पिछले कुछ दिनों से आप लोगों के द्वारा मुक्तक की पेशकश के लगातार आग्रह को अब टाल पाना मेरे लिये संभव नहीं हो पा रहा है. अगले कुछ माह के लिये मैं मुक्तक महोत्सव मना रहा हूँ. इस उत्सव के दौरान आपकी सेवा में हर रोज अनेकों स्व-रचित मुक्तक पेश करुँगा. पहले पढ़ने के लिये और फिर अगर संभव हुआ तो इसी क्रम में अपनी आवाज में गाकर भी. आप इन्हें इत्मिनान से पढ़े, इस लिये एक एक करके पोस्ट करुँगा ताकि आप इन मुक्तकों का संपूर्ण आनन्द ले सकें. आशा है टिप्पणियों के माध्यम से आप इस महोत्सव को सफल बनायेंगे.
इस महोत्सव को सफल बनाने के लिये कृप्या अपने विचारों से मुझे जरुर अवगत करायें. आपकी सलाह और मार्ग-दर्शन ही इसकी सफलता का मार्ग तय करेगा. आप सबके सहयोग का आकांक्षी.
1 comment:
गीतकार जी
आपका प्रयास बहुत सुंदर है. कृप्या फोंट की साइज, कम से कम, मुक्तक की बढ़ा देवें, तो मजा और बढ़ जायेगा. अपनी आवाज में कब पेश करेंगे?
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