मिलती हैं ईमेल सैकड़ों हाटमेल, याहू गूगल पर
लेकिन जिसको ढूँढ़ रहा वह मिला नहीं संदेश तुम्हारा
भर जाता इनबाक्स रोज ही अनचाहे सन्देश प्राप्त कर
इसे खरीदो उसे खरीदो, इस सुविधा का लाभ उठा लो
ढेर सूचनायें होती हैं सच्ची झूठी और अफ़वाहें
जितना मर्जी आये उतना घर पर बैठे कर्जा पा लो
मैं दिलीट तो कर देता हूँ, लेकिन हूँ दस बार सोचता
ऐसा न हो कभी भूल से मिट जाये सन्देश तुम्हारा
कभी भेजने वाले का जो दिखता नाम सुपरिचित होता
पर जब खोले सन्देशे को तब होती खासी झुंझलाहट
दुनिया भर के एकाकी मिल लगता हमें बाँटना चाहें
और मित्रता करने की खातिर हैं रहे लगाये जमघट
पता नहीं क्यों नेटवर्ल्ड के हर इक वाशिन्दे ने पाया
बिना हमारी मंजूरी के पया और घर द्वार हमारा
कुछ सन्देशे मित्र तुम्हारे ने रच डाला मंडल कोई
और सूचना भेज रहे हैं आओ आकर इसमें जुड़ लो,
एक फ़ेसबूक, एक ओरकुट छह दर्ज़न याहू के ग्रुप हैं
छुटकारा है नहीं कहीं भी, किसी दिशा में चाहे मुड़ लो
सुनो आज से चिट्ठी मुझको सिर्फ़ डाक के द्वारा भेजो
ताकि अनर्ग्ल सन्देशों से मिल जाये मुझको छुटकारा
और नेट पर पत्र तुम्हारा ढूँढ़ू कभी नहीं दोबारा
5 comments:
वाह आदरणीय ,
नये पैक मे ...
पर ऊंचाई वैसी की वैसी
बहुत बधाई ...
और आपने मेरे स्केच को आशीर्वाद दिया इसके लिये आभारी हूं
मैं दिलीट तो कर देता हूँ, लेकिन हूँ दस बार सोचता
ऐसा न हो कभी भूल से मिट जाये सन्देश तुम्हारा
:)
सुनो आज से चिट्ठी मुझको सिर्फ़ डाक के द्वारा भेजो
:)
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बिना हमारी मंजूरी के पया और घर द्वार हमारा
"payaa" ko "pataa" keejiye :)
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पता नहीं क्यों नेटवर्ल्ड के हर इक वाशिन्दे ने पाया
kitna ghamand!! Sudhar jaaeeye :):)
वाह !!! एकदम हाई टेक कविता.............पर अच्छी है.....
Naya geet kab?
ufff! wah toh dus baar padha hua hai:( Naya as in brand new :)
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