लगा ये चान्दनी हमको जरा धुंधली लगी होने
तो पूछा चन्द्रमा क्या रोशनी अपनी लगा खोने
बताया बीस प्रतिशत की कटौती चल रही है अब
इकानामी का थोड़ा सा असर उस पर लगा होने
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पहले बोले बचत कीजिये, बिना बचत के पार नहीं है
अब कहते हैं खर्च कीजिये , बिना खर्च उद्धार नहीं है
हमने सोचा खर्चा तो हम कर लें, पर बिल भी आयेंगे
क्रेडिट कार्ड इश्युअर अपना कोई रिश्तेदार नहीं है
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मेरा महबूब अब मुझसे यहाँ मिलने नहीं आता
बिचारा फोन पर ही अब मुहब्बत की गज़ल गाता
जो पूछा माजरा क्या है,तो हो मायूस वो बोला
मैं अपनी कार में पेट्रोल बिलकुल भर नहीं पाता
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5 comments:
नववर्ष (श्री विक्रमादित्य संवत २०६५) की हार्दिकतम शुभकामनायें।
यह नववर्ष आप तथा आपके परिवार के लिये सौभाग्यदायक, मंगलकारक, धन-धान्य वर्धक, सुखकारक हो तथा सभी प्रकार के दुःख और रोगों से मुक्त रखे।
NAMASKAAR,
ECONOMY KAA ASAR CHANDNI PE HONE LAGI .. WAAH KITNI BAARIK BAAT SE AWGAT KARAYAA AAPNE... AAPKE SUKSHMDARSHITA KE KYA KAHANE...
ARSH
सभी एक से बढ़कर एक ।
क्या जमाना आ गया है कि अब चंद्रमा की चांदनी पर भी इकानामी का असर पड़ गया । :)
बहुत शानदार!
लेकिन पोस्ट 'इकॉनोमिकल' है. कम से कम चार और चाहिए थे. लेकिन ठीक है...मंदी में जो मिल जाए.
Have you recently read Alibaba and 20 thieves?
What!! Are you thinking 40 not 20, sorry its 20 now, recessionary measure!! Workforce cut to half!!
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