लुटा उनकी अदाओं से जिसे सब दिल बताते हैं
न जाने क्यों हमें सब लोग अब गाफ़िल बताते हैं
मुहब्बत है नहीं सस्ती, बहुत खर्चा हुआ इसमें
ये आये आज क्रेडिट कार्ड वाले बिल बताते हैं
कहा हमने मुहब्बत में जो उनसे एक दिन गाकर
कहें तो मांग में भर दें, सितारे चांद हम लाकर
बड़े अन्दाज़ से बोले, न जाओ दूर इतना तुम
हमें बस पांच केरट का महज स्टोन दो लाकर
1 comment:
हा हा!!
हमें बस पांच केरट का महज स्टोन दो लाकर
दे ही दो..इतना तो बनती है...
बहुत मजेदार!!
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