तुम धड़कन में तुम सांसों में, अनगिन बार गया दुहराय
तुम तो मेरे कम्प्यूटर के चित्रपटल पर छाई रहती
कान्फ़्रेनस की कालें हो या मींटिन्ग हो या हो कम्यूटिन्ग
लगता है हर घड़ी पास तुम आकर मुझसे बातें करतीं
तुम ही रही वर्ड एक्सेल में और कैड* में चित्र तुम्हारे
डेटा प्रासेसिंग को मैने जब भी कोई फ़ायल खोली
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:)
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