tag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post8667281991125788006..comments2023-10-07T17:46:39.270+05:30Comments on गीतकार की कलम: मैं कौन हूँGeetkaarhttp://www.blogger.com/profile/16969431721717308204noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-71107289299273404812010-02-03T18:27:04.761+05:302010-02-03T18:27:04.761+05:30अगर आप सचमुच यह जानना चाहते हैं की " मैं कौन ...अगर आप सचमुच यह जानना चाहते हैं की " मैं कौन हूँ ? " तो मैं आपकी मदद कर सकता हूँ। <br /><br />मैनें आपके प्रशन ' मैं कौन हूँ ? " के उत्तर अपने ब्लॉग http://mainhoshhoon.blogspot.com पर दिए हैं। <br /><br />अगर फिर भी आप संतुष्ट न हों तो मुझे kad.vinod@gmail.com पर और सवाल पूछ सकते हैं।Vinod Kadhttps://www.blogger.com/profile/09566008390448771802noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-69598978215849390212009-08-25T12:36:30.027+05:302009-08-25T12:36:30.027+05:30कैद सीने की गहराईयों में रहा
उम्र भर छटपटाता वही र...कैद सीने की गहराईयों में रहा<br />उम्र भर छटपटाता वही राज हूँ<br />मैं हूँ निश्चय वही पार्थ के पुत्र का<br />व्यूह को भेदने के लिये जो चला<br />मैं, जो तम की उमड़ती हुई आंधियाँ<br />रोकने के लिये दीप बन कर जलाShardulahttps://www.blogger.com/profile/14922626343510385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-68758430248053600962009-07-04T13:14:55.398+05:302009-07-04T13:14:55.398+05:30sundar abhiwyakti ...........badhaaeesundar abhiwyakti ...........badhaaeeओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-78249512577501321212009-07-04T11:41:23.778+05:302009-07-04T11:41:23.778+05:30आशीश् जी आपका ये ब्लोग तो मुझे पता ही नहीं था आप इ...आशीश् जी आपका ये ब्लोग तो मुझे पता ही नहीं था आप इतना अच्छा लिखते हैं मैं तो अब तकितनी उत्कृश्ट रचनाओं से वंचित रही अन्तर मन मे डूब कर लिखी गयी अद्भुत रचना<br />उंगलियों ने जिसे तार को छेड़ कर<br />नींद से न उठाया वो आवाज़ हूँ<br />कैद सीने की गहराईयों में रहा<br />उम्र भर छटपटाता वही राज हूँ<br />मैं हूँ निश्चय वही पार्थ के पुत्र का<br />व्यूह को भेदने के लिये जो चला<br />मैं, जो तम की उमड़ती हुई आंधियाँ<br />रोकने के लिये दीप बन कर जला<br />ऐसी रचना लिखने वाली कलम को मेरा नमन्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-13482461198466536102009-07-04T08:49:48.245+05:302009-07-04T08:49:48.245+05:30रचना सुन्दर है,
परन्तु आज तक कोई नही जान पाया कि,
...रचना सुन्दर है,<br />परन्तु आज तक कोई नही जान पाया कि,<br />मैं कौन हूँ?डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-33390706076554606882009-07-04T04:31:10.564+05:302009-07-04T04:31:10.564+05:30बहुत सुन्दर रचनाबहुत सुन्दर रचनाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-76641169727069298302009-07-04T03:43:51.886+05:302009-07-04T03:43:51.886+05:30गीत तो लिख दिया आपने था कहा
प्रश्न ्ये कह रहा जौन ...गीत तो लिख दिया आपने था कहा<br />प्रश्न ्ये कह रहा जौन का तौन हूँ<br />सोच मैं भी रहा हूँ कि मैं कौन हूँ <br /><br />-बहुत सुन्दर रचना..आनन्द आ गया. बधाई!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com