tag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post5922972849480902495..comments2023-10-07T17:46:39.270+05:30Comments on गीतकार की कलम: आज है बसन्तGeetkaarhttp://www.blogger.com/profile/16969431721717308204noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-28396528011626205782011-02-26T10:35:28.697+05:302011-02-26T10:35:28.697+05:30मँड़राते धुँये में कैद दिशायें सारी
बादल की मुट्ठी ...मँड़राते धुँये में कैद दिशायें सारी<br />बादल की मुट्ठी में धूप बन्द जैसे है<br />परछाईं परछाईं मौन ताकती रहती<br />पूछ नहीं पाती है तनिक,हाल कैसे है<br /><br />बेहद प्रभावी अभिव्यक्ति .... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.com