tag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post5677045686246599213..comments2023-10-07T17:46:39.270+05:30Comments on गीतकार की कलम: कविता करना तेरे बस की बात नहींGeetkaarhttp://www.blogger.com/profile/16969431721717308204noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-31575078683747979022010-07-28T12:51:58.888+05:302010-07-28T12:51:58.888+05:30सच्चाई को कहती सुन्दर रचना ....आज हम जो लिख रहे है...सच्चाई को कहती सुन्दर रचना ....आज हम जो लिख रहे हैं सब ऐसा ही लिख रहे हैंसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-63664278679215677732010-07-28T11:07:37.623+05:302010-07-28T11:07:37.623+05:30mazaa aa gayaa ..........aisa likha kewal aapke ba...mazaa aa gayaa ..........aisa likha kewal aapke bas ki hii baat hai .......Anamikaghatakhttps://www.blogger.com/profile/00539086587587341568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-15004074464689322632010-07-28T08:34:19.312+05:302010-07-28T08:34:19.312+05:30तेरे सब सन्दर्भ हड़प्पा के जैसे अवशेष हुये
जिसने त...तेरे सब सन्दर्भ हड़प्पा के जैसे अवशेष हुये<br />जिसने तुझे पढ़ा उसके ही मन में भारी क्लेश हुए<br />तू लाठी के जोर ठूँस देता शब्दों को कविता में<br />लहराते कुन्तल भी तुझको मैड्यूसा के केश हुए<br /><br />राकेश जी बहुत खूब ..आज की प्रस्तुति पहले की रचनाओं से थोड़ा हट के पर लाज़वाब ..हास्य रस का पुट लिए हुए कुछ कवियों की कहानी व्यक्त करती हुई बढ़िया रचना..वैसे आपकी हास्य रस की एक गीत हमने होली के तरही मुशायरे में पंकज जी के ब्लॉग पर भी पढ़ा था .आज भी हास्य-व्यंग का पुट....बधाई राकेश जी सुंदर रचना के लिएविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.com