tag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post3110406115167600187..comments2023-10-07T17:46:39.270+05:30Comments on गीतकार की कलम: माँGeetkaarhttp://www.blogger.com/profile/16969431721717308204noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-38824889491246459292009-05-12T22:41:00.000+05:302009-05-12T22:41:00.000+05:30माँ को हमारा भी प्रणाम कहियेगा! आप भाग्यवान हैं जो...माँ को हमारा भी प्रणाम कहियेगा! आप भाग्यवान हैं जो उनके साथ थे मातृदिवस पे !Shardulahttps://www.blogger.com/profile/14922626343510385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-78989425920295255222009-05-10T18:08:00.000+05:302009-05-10T18:08:00.000+05:30अद्भुत राकेश भाई....ऐसी रचना सिर्फ आपकी कलम से ही ...अद्भुत राकेश भाई....ऐसी रचना सिर्फ आपकी कलम से ही संभव है...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-88696444754440999252009-05-10T13:49:00.000+05:302009-05-10T13:49:00.000+05:30सुन्दर प्रस्तुति,
मातृ-दिवस की शुभ-कामनाएँ।सुन्दर प्रस्तुति,<br />मातृ-दिवस की शुभ-कामनाएँ।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-335997227431666462009-05-10T10:46:00.000+05:302009-05-10T10:46:00.000+05:30शब्द अक्षम हुए कुछ भी बोले नहीं
स्वर झुका शीश अपना...शब्द अक्षम हुए कुछ भी बोले नहीं<br />स्वर झुका शीश अपना नमन कर रहा<br />भाव कर जोड़ कर आंजुरि भर सुमन<br />भावना के, पगों के कमल धर रहा<br />तेरे आशीष का छत्र छाया रहे<br />शीश पर हर घड़ी , बस यही कामना<br />आज नव सूर्य में, आज नव भोर में<br />यह अपेक्षा पुन: आज मैं कर रहा<br />इससे अधिक कुछ नहीं लिखा जा सकता। बधाई स्वीकारें।शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.com