tag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post3058002559528945609..comments2023-10-07T17:46:39.270+05:30Comments on गीतकार की कलम: उतर गया है बुखार सारा पड़े जो जूते तेरी गली मेंGeetkaarhttp://www.blogger.com/profile/16969431721717308204noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1973270170645472967.post-41915517304394960062011-04-02T08:34:09.801+05:302011-04-02T08:34:09.801+05:30हजार किस्से जो इश्क वाले पढ़े तो जागा ह्रदय का रां...हजार किस्से जो इश्क वाले पढ़े तो जागा ह्रदय का रांझा<br /><br />चला लड़ाने वो इश्क अपना चिलम में भर कर छटाँक गाँजा<br /><br />शहर की सड़कों को छोड़ पकड़ी इक रहगुजर तेरे गांव वाली<br /><br />तेरे दरीचे तले खड़ा हो हुआ था दीदार का सवाली<br /><br />बढ़िया और मजेदार रचना..होली के रंगों में डूबी हुई एक बेहतरीन रचना..बधाईविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.com